2025 से 2031 तक के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अद्वितीय उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाया है। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मक दिशा में ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है। इससे साफ है कि देश 2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के साथ उच्च-मध्यम आय वाले देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
यह उच्च-मध्यम आय वाले देशों के अन्य में अपनी जगह बनाने के लिए भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस उन्नति के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिरता और विकास में सुधार होगा।
gdp बढ़ने की वजह:
भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 के अंतिम तीन महीनों में शानदार प्रदर्शन किया है। देश की GDP दिसंबर तिमाही में 8.4% की दर से बढ़ी, जो डेढ़ साल में सबसे अधिक है। यह खबर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी की गई है। इस तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 8.4% रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3% थी।
इससे पहले, अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष (2023-24) के लिए वृद्धि अनुमान को भी बढ़ाकर 7.6% किया गया है। इस अनुमान का मूल आधार गुरुवार को जारी किया गया था।अन्य आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में 11.6% की वृद्धि से बढ़ती मजबूती दिखाई गई है। इसके अलावा, सेवा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। हालांकि, कृषि क्षेत्र में 0.8% की मामूली गिरावट नोट की गई है।
इंडियन economy ग्रोथ रेट:
निजी उपभोग वृद्धि भी 3.6% रही, जो कुछ अर्थशास्त्रियों के अनुसार चिंता का विषय है। उनका मानना है कि निजी उपभोग में सुस्ती उच्च जीडीपी वृद्धि के लिए एक संकेत हो सकता है।
मूडीज ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2024 में 6.8% की वृद्धि दर का अनुमान जारी किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक भी अपने अनुमानों में इस वित्त वर्ष के लिए वृद्धि की दर को समान रूप से 6.7% और 6.3% तक बढ़ाया है।
इस तरह, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इस तिमाही में एक प्रगतिशील और सकारात्मक दिशा की ओर प्रकट हो रही है।
इसके साथ ही, भारत की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए घरेलू संरचनात्मक रिफॉर्म्स और साइक्लिकल लीवर्स की आवश्यकता है। इन कदमों से सामाजिक और आर्थिक विकास में सुधार होगा
इस अवसर को ध्यान में रखते हुए, भारत को अपनी आर्थिक नीतियों को स्थिर और सुरक्षित बनाए रखने की आवश्यकता है। वित्त वर्ष 2031 तक यह उच्च-मध्यम आय वाले देशों के क्लब में शामिल होने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
साथ ही, यह भारत के लिए गर्व की बात होगी कि वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनेगा, जो प्रति व्यक्ति आय को उच्च-मध्यम आय वर्ग में ले जाएगा। इस समय के माध्यम से देश की आर्थिक उच्चता और सामाजिक समानता में सुधार होगा